Uttar Pradesh सरकार ने हाल ही में सड़क सुरक्षा (Road Safety) को मजबूत बनाने और गाड़ियों की फिटनेस जांच प्रक्रिया को और पारदर्शी करने के लिए 4 नए Automated Testing Stations (ATS) बनाने की मंजूरी दी है। ये नए स्टेशन Lucknow, Agra, Kanpur और Mirzapur में खोले जाएंगे। इसके बाद यूपी में कुल 14 Automated Testing Stations हो जाएंगे।ये चीज हमारे लिए बहुत जरूरी है, बढ़ते एक्सीडेंट को देखते हुए सरकार ने कदम लिया है
Automated Testing Station क्या होता है?
ATS एक ऐसी जगह है जहां पर गाड़ियों की fitness और technical जांच पूरी तरह मशीनों और modern technology के जरिए होती है। यहां manual checking की बजाय sensors, cameras और automated machines से गाड़ियों की brake test, emission test, headlight alignment, suspension check जैसी कई safety parameters की जांच की जाती है।
इसका फायदा यह है कि testing process ज्यादा transparent और accurate हो जाती है। पहले जहां गाड़ियों की फिटनेस जांच में human error या corruption की संभावना रहती थी, वहीं ATS की वजह से ये process काफी हद तक automated और fair हो जाएगा।
विस्तार की नीति और लाइसेंसिंग
प्रति जिले अधिकतम तीन ATS स्थापित किए जा सकते हैं।
एक ही आवेदनकर्ता को अधिकतम तीन स्टेशन पूरे राज्य में स्थापित करने की अनुमति है—इसी जिले में एक ATS ही हो सकता है।
आवेदनों को पहले आओ—पहले पाओ (FCFS) के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है।
औद्योगिक और सामाजिक लाभ
यह पहल सड़क दुर्घटनाओं में कमी, प्रदूषण नियंत्रण, और परीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
साथ ही, यह नौकरी सृजन और निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी सक्षम बनाती है। प्रारंभिक दौर में, प्रत्येक स्टेशन में कम से कम दो लेन — हल्के व भारी वाहनों के लिए — निर्माण अनिवार्य है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) का विस्तार एक तकनीकी दृष्टिकोण से सड़क सुरक्षा प्रक्रिया को अपग्रेड करने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी कदम है। यह पैरामीटर पारदर्शिता, प्रदूषण नियंत्रण, और डीजेटल सुविधा जैसे आधुनिक समाधानों पर केंद्रित है। हालांकि, इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिए निगरानी, नियंत्रण, और सार्वजनिक विश्वास बनाए रखना आवश्यक है।

